डीग महल (Deeg Fort) : क्यों कहा जाता है डीग को जल महलों की नगरी- कैसे पहुंचे डीग?

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डीग राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है। डीग को जाटों की वंशावली का मुख्य स्रोत माना जाता है एवं जाटों जन्म भूमि राजिस्थान है। जो लोग राजस्थान का वैभव और राजिस्थान देखना चाहते हैं उन लोगो के लिए डीग का महल या डीग का किला एक बहुत अच्छी जगह है। डीग  राजस्थान की तीसरी राजधानी और भरतपुर जिले पहली राजधानी बनी थी जिसे राजा ठाकुर बदन सिंह ने बनाया था। कहा जाता है राजा ठाकुर बदन सिंह को सिंहासन मिलने पर डीग को अपनी राजधानी के लिए चुना था। और यहाँ 1730 ईस्वी में जल महलों की नीम रखी थी या जल महलों को बनाने का काम चालू किया था। वस इतना करने के बाद राजा ठाकुर बदन सिंह अपने चाचा चूड़ामन राज्य को संभालने के लिए चले जाते है। इसके बाद यह कार्य अपने बेटे सूरजमल को और सुल्तान सिंह को सौंपा था। डीग महल में घूमने के लिए आपको किसी प्रकार का कोई भी शुल्क नहीं देना होता है। डीग महल में घूमना निशुल्क है पूरी तरह लेकिन महल के कक्षों के अंदर घूमने 20 रुपय का शुल्क देना होता है जोकि राज्य सरकार का है। अब नीचे:-  

Deeg Fort

इस लेख के की साहयता से में आपको बताने वाला हूँ क्यों कहा जाता है डीग को जल महलों की नगरी? 

नॉट :-यहाँ से आप गोवर्धन परिक्रमा के बारे में जान सकते है ,क्योंकि डीग से गोवर्धन परिक्रमा मात्र 15 किलोमीटर है। 

आखिर क्यों डीग को जल महलों की कहा जाता है ?

श्री गणेश जी मंदिर के सामने डीग महल। इस महल का  निर्माण डीग के जाट शासक महाराजा सूरजमल ने 1756-63 ई  एवं राजा मान सिंह 1764-68 ई. द्वारा कराया गया था। डीग का किला और डीग महल दोनों ही महाराज महाराजा सूरजमल ने बनवाएथे। डीग महल के चारों तरफ पानी ( जल ) है , न केबल महल के चारों तरफ पानी हे बल्कि महल के निचे भी पानी है कहने के लिए डीग का यह महल सम्पूर्ण पानी में ही बना हुआ है। महल एक तरफ गोपाल सरोवर पक्का कुंड है और एक तरफ रूप सागर कच्चा कुंड दोनों ही काफी गहरे है लेकिन एक कुंड और है जिसके बारे में किसी को अधिक जानकारी नहीं होती इस बात के प्रतीक है डीग महल में लगे हुए फुब्बारे यहाँ आने के बाद मुझे भी ऐसा ही लगा उस समय पर ना किसी प्रकार की मोटर थी ना ही पम्प तो इन फुब्बारों में पानी कैसे आता था? डीग महल में काफी समय घूमने के बाद आखिर में उस कुंड तक पहुंच ही जाता हूँ। यह तीसरा कुंड राजा के द्वारा भूरे बलुआ पत्थर से बना किशन भवन है के पास बना महल के ऊपर मजबूत इमारत की छत पर एक टंकी है जो इन सभी फुब्बारों व बगीचों में जल पहुंचती है। उसी महल के ऊपर प्रथम मंजिल पर एक पानी का टेंक है। इस टेंक में लगभग 2 /6 लाख लीटर पानी आ जाता है। इस टेंक को घोड़ों की मदद से भरा जाता था।  इस महल को इस लिए ऐसा बनाया गया है ताकि इस महल में कोई व्यक्ति किसी भी तरह प्रवेश न कर पाए पहले डीग महल के चारों तरफ ऊँची एवं मोटी दीवार थी। लेकिन अभी के समय में इस महल को कुछ भागों में बाँट दिया है जैसे की इसी महल का प्रयोग कर राजस्थान सरकार ने यहाँ अपने कुछ सरकारी दफ्तर बना लिए है। इस प्रकार यहाँ और क्या क्या है डीग महल के अंदर और बहार वह सब जानकारी जो आपको चाहिए। वह सभी जानकरी यहीं प्राप्त होंगी कृपया बने रहे लेख में :-

Deeg jal mahal

डीग महल में वर्षों पुराना हनुमान जी का मंदिर:-

डीग के इस जल महल में आपको हनुमान जी की लगभग 450 वर्ष पुराणी प्रतिमा  के दर्शन होते है। यह प्रतिमा डीग महल में स्थित गोपाल भवन के दक्षिण की तरफ कक्ष में उड़ान भरते हुए हनुमान जी इस हनुमान जी की प्रतिमा में आपको एक साथ 5 पांच प्रतिमाओं के दर्शनों का सौभग्य प्राप्त होता है। हनुमान जी की इस अलौकिक प्रतिमा में आपको 5 प्रतिमाओं के दर्शन रूप दोनों कंधों पर राम लक्ष्मण उड़ान भरते हुए हनुमान जी एक हाथ में गदा और एक हाथ में पर्वत एवं पैरों में पाताल भैरवी। इस प्रकार इस प्रतिमा को पंचरूपी प्रतिमा कहा जाता है। यह भी जल महल यानि डीग महल का एक हिस्सा है। 

डीग महल में बने कक्ष किस किस राजा का हिस्सा रहा है। 

डीग महल के गेट से थोड़ा अंदर जाते ही आपको यहाँ की पूरी जानकारी आपको एक मेप के माध्यम से मिल जाती है। लेकिन में आपको बता देता हूँ डीग महल बने हुए कक्ष डीग के अभी तक के जितने भी राजा हुए है उन सभी का अपना अपना प्रतीक है। 

जय सिंह 

सूरज मल 

मान सिंह 

बच्चूसिंह 

और अभी राजा विश्वेन्द्र सिंह 

डीग महल के कक्षों के नाम :-

सिंह पोल, गोपाल भवन, सूरज भवन, किशन भवन, हरदेव भवन, केशव भवन, नंद भवन, पुराना महल राजा ठाकुर बदन सिंह ने बनवाया था अपने समय में 

गोपाल भवन के सामने बना संगमरमर के झूले की विशेषता :-

गोपाल भवन के सामने बना संगमरमर के झूले का निर्माण महाराज सूरजमल ने आने वाली पीढ़ी को खेलने के लिए एवं हजुला झूलने के लिए किया था। यहाँ से सीधी र्स्स्सी गोपाल भवन यानि रानी के कक्ष तक जाती हे जाती से आसानी रानी अपना काम करते हुए अपने बच्चे को झूला झूला सकती थी गर्मिओं के समय में ही नहीं बल्कि इसका उपयों किसी समय कर सकते थे। 

Deeg rajasthan

डीग महल आने का सही समय क्या है।

वैसे तो आप डीग महल किसी भी दिन आ जा सकते हो दिनों में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे के बीच डीग महल का भ्रमण किया जा सकता है। लेकिन मेने आपको पहले बतया था की यहाँ घूमने की लिए आपको किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना होता बल्कि आप अगर कक्षों के अंदर जाना चाहते है तो आपको 20 रुपए का शुल्क देना होता है। कक्षों के अंदर अगर घूमना चाहते है तो आप सिर्फ शुक्रवार को छोड़कर किसी भी दिन यहाँ घूमने आ सकते है क्योंकि महल के कर्मचारियों का शुक्रवार को अवकाश होता है। वैसे 9 से 5 आप कभी आ सकते है। यहाँ  एक मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसकी तयारी जुलाई अगस्त की जाती इस समय आप आसानी यहाँ घूम सकते है। 

कैसे पहुंच सकते है राजिस्थान के डीग जल महल देखने के लिए :- 

राजिस्थान के भरतपुर जिले में स्थित जल महलों की नगरी कहि जाने वाली डीग बहुत ही आसानी से पहुंचा जा सकता है। अगर अपने राजिस्थान घूमने का मन बना ही लिया हे तो में आपको सबसे पहले डीग से चालू करने को कहूंगा क्यूंकि यहाँ से आप भरतपुर जयपुर उदयपुर चित्तौरगढ़ भानगढ़ आदि। डीग कैसे पहुंचे?  भरतपुर लगभग 35 किमी की दूरी पर है। भरतपुर से आप कार किराए पर ले सकते हैं। या आप बस से भी आ सकते बस सेवा उपलब्ध है। भरतपुर जयपुर और दिल्ली से सड़क, रेल और हवाई मार्ग से से जुड़ा हुआ है। यहाँ आप आगरा मथुरा होते हुए भी आसानी आ सकते है। मथुरा से डीग 40 किलोमीटर की दुरी पर है। मथुरा आगरा दिल्ली जयपुर सड़क मार्ग रेल मार्ग एवं हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है। मथुरा से डीग दिन में लगभग 3 ट्रेन चलती है। यहाँ से आप डीग रेलवे स्टेशन समय 2 घंटे लगते है या फिर मथुरा से कर बस या टेक्सी ले सकते है। डीग रेलवे स्टेशन से जल महल की दुरी 3 किलोमीटर की है ऑटो या ईरिक्सा ले सकते है। 

कैसे पहुंचे डीग के जल महल :-

डीग महल पहुंचने का वर्णन में पहले भी क्र चूका हूँ। लेकिन यहां आप जान सकते है, आप डीग महल कहाँ से किस तरह आ सकते है ताकि आपकी यात्रा में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। – 

कैसे पहुंचे दिल्ली से राजस्थान के डीग महल :- 

दिल्ली से डीग 175 km किलोमीटर है। अगर आप अपनी निजी कार या टेक्सी से यात्रा करना चाहते है तो आपके लिए अच्छा रास्ता दिल्ली से पलवल , कोसी-कलाँ उसके बाद नंदगाव से गोवर्धन होते हुए आप आसानी से डीग पहुंच जाते है। इस रास्ते से आपको लगभग 4 से 5 घंटे का समय लगेगा। 

यदि आप ट्रैन से यात्रा करना चाहते है तो आपको दिल्ली से मथुरा के लिए ट्रैन है दिन में लगभग 20 रेल दिल्ली से मथुरा चलती है। लेकिन मथुरा से डीग के लिए दिन सिर्फ 2 ही रेलगाड़ी है आपको समय से चलना होगा। 

कैसे पहुंचे आगरा से राजस्थान के डीग महल :- 

आगरा से डीग की दुरी 95 KM किलोमीटर की है। आगरा से अगर आप निजी कार या टेक्सी से यात्रा कर रहे है। आपके लिए सबसे अच्छा राज मार्ग NH2 है। आगरा से मथुरा और मथुरा से गोवर्धन होते हुए डीग बड़ी आसानी से पहुंच जाते है। आगरा मथुरा गोवर्धन डीग राजस्थान बस सेवा भी उपलब्ध है। आप बस से भी यात्रा कर सकते है।   

कैसे पहुंचे जयपुर से डीग महल :-  

जयपुर से डीग 200 KM किलोमीटर की दुरी पर है। लगभग 4 घंटे का समय लगता है। जयपुर से अगर आप निजी कार या टेक्सी से यात्रा कर रहे है। जयपुर से आप सीधा NH21 ले यह आपको भुसावर नगर होते हुई डीग तक आसानी से पहुंचा देता है। यहाँ बस से भी आ सकते दिन काफी बस यहाँ से डीग के लिए चलती है। 

डीग में या डीग के आस पास दर्शनीय स्थान :-

डीग में :-

गणेश जी मंदिर जो की डीग महल के सामने है ,

लक्षंमण जी मन्दिर मुख्य बजार डीग,

डीग का किला डीग महल के पास में 

राजा मान सिंह की समाधि ,

डीग के आस पास :- 

भरतपुर बर्ड सैंचुरी,

सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान अलवर ,

कामवन, 

गोवर्धन 

मथुरा 

वृन्दावन 

नंदगाव 

बरसाना 

डीग आने के बाद आप डीग महल घूम सकते है साथ ही अगर आपके पास समय है तो गोवर्धन परिक्रमा, वृन्दावन परिक्रमा, मथुरा, नंदगाव बरसाना परिक्रमा , यानी भगवान श्री कृष्ण की नगरी में भी आसानी से घूम सकते है।

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