(मथुरा) नंदगाव के सांचौली गाँव में स्थित माता चंद्रावलि देवी मंदिर ( सांचौली माता मंदिर ) के नाम से जाना जाता है। माता चन्द्रावलि का यह मंदिर अपने आप में एक अद्भुत ( अनूठा ) मंदिर है। सांचोली में भक्त माता चंद्रावलि के दर्शनों के लिए भारत के सभी स्थानों ( कोने कोने ) से आते है। इसी प्रकार मुझे भी माता चंद्रावलि देवी के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
माता सांचौली देवी – History
यहां आने के बाद मेने मंदिर के पुजारी ( श्री बालक दास जी महाराज ) जो की बालक दास जी माता के मंदिर की सेवा अपनी उम्र 11 सिर्फ साल की थी तब से माता की सेवा करते आ रहे है। उनसे से मेने जाना मंदिर के बारे में माता चंद्रावलि का यह मंदिर भगवान् श्री कृष्ण के समय से यह मंदिर यहाँ है। अभी कुछ समय पहले ही मंदिर का पुनः निर्माण कराया गया है। मंदिर के गर्व ग्रह में माता चन्द्रावलि शेर पर विराजित ( बैठी हुई) है और साथ में उनके लंगूर है। माता चंद्रावलि की पूजा करने ब्रज लाड़ली श्री राधा रानी बरसाने से सांचौली आया करती थी। पूजा करने के बाद लाड़ली जी भगवान श्री कृष्ण से भी मिला करती थी। पुजारी जी ने मुझे इस मंदिर के बारे बताया की जो भी भक्त माता सांचौली देवी की भक्ति सच्चे मन से करता है। माता का वह भक्त धनधान्य, उसकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। माँ सांचौली देवी अपने उस भक्त पर किसी भी प्रकार की कोई भी परेशानी नहीं आने देती है। अगर माता सांचौली देवी का भक्त कोई भी अपना कार्य शुरू करता है या कोई नया सामान ( वाहन ) जैसे कार, मोटरसाइकल खरीदता है। अगर उसकी अर्जी माता सांचौली देवी के दरवार में लगाता है तो उस पर किसी भी प्रकार की कोई भी रुकावट या परेशानी नहीं होती। ऐसा माना जाता है की यहां जन जन के आराध्य भगवान श्रीकृष्ण ( कान्हा ) देवी रूप में विराजमान हैं। जो भी भक्त सांचौली आता है और माता चन्द्रावलि की सच्चे मन से प्रार्थना करता है। उस भक्त की मनोकामना माता चन्द्रावलि पूर्ण करती है। माता सांचौली मंदिर के सामने खली जगह ( Ground ) है। इस ग्राउन्ड् में नवरात्रि के समय में मेले का आयोजन किया जाता है। माँ सांचौली देवी के दर्शन के लिए ऐसी कोई मान्यता नहीं है की यहाँ नवरात्रियों में आया जाये माँ सांचौली देवी के दर्शन आप किसी महीने या किसी भी दिन कर सकते हो। माता सांचौली देवी अपने भक्तों की हर क्षण सुनती है। लेकिन मंदिर का समय ( timing ) है। जो में नीचे एक समय सरणी के माध्यम से आपके लिए नोट कर देता हूँ। इसके अलावा माता सांचौली देवी मंदिर के ठीक सामने ( Right in front ) एक तालाब है यहां स्नान आदि करने के बाद माता चन्द्रावलि के सच्चा दरवार में जाना होता है। इस तालाब का जल पवित्र माना जाता है क्योंकि यहां के लोग पहले इसी तालाब का पानी पिया करते थे और आज भी पीते है वो बात अलग है की आज के समय में सभी के घरों में पानी की सुविधा है। लेकिन फिर भी पानी तो पानी ही है। तालाब के बगल में ( On One Side ) एक बगीचा है जिसे आज बगीची बोला जाता है इसमें अगर आप गर्मियों के समय में आते है तो आप इस बगीचे में जाना। में बोल सकता हूँ की आपको इसके अंदर जाते ही (A C ) पंखे अदि की कोई जरूरत नहीं पड़ने वाली क्यूंकि इसमें आपको ( A C ) जैसी सुविधा उपलब्ध है प्राकृतिक, स्वाभाविक। माता सांचौली देवी मंदिर की मान्यता भारत के कोने कोने में फैली हुई है।
माता सांचौली देवी मंदिर में भक्त मुंडन कहाँ करें –
मुंडन – जो भी भक्त माता सांचौली देवी की पूजा अर्चना करते है उनके लिए उनके अपने बच्चों पर माता जी का आशीर्वाद बना रहे इस लिए भक्त बच्चों का मुंडन कराते जो की माता सांचौली देवी मंदिर में नहीं ,जैसा की मेने आपको पहले भी बताया है। मंदिर के सामने एक तालाब है उसमे बच्चे को स्नान अदि कराने के बाद तालाब के घाट पर मुंडन कराया जाता है। उसके बाद बच्चे फिर से स्नान कराने के बाद माता सांचौली देवी मंदिर आशीर्वाद के लिए ले जाया जाता है। मुंडन कराने से बच्चे के ऊपर माता सांचौली देवी कृपा हमेसा बनी रहती है।
– आप जब सांचोली जाएँ तो आप सच्चे मन से मनोकामना करें ,यहां माता चन्द्रावलि जयकारा लगाया जाता है। बोलो सच्चे दरवार की जय क्योंकि यह माता चन्द्रावलि का सच्चा दरवार है। यहां नवरात्रियों में ही नहीं बल्कि ( Rather ) प्रति यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है। सांचौली आने पर जैसा की आपको पता ही होगा प्रतेक मन्दिर का एक निर्धारित समय ( timing ) होता है जैसे की पहले बता चूका हु। ऐसे ही माता चंद्रावलि देवी ( माता सांचौली देवी ) मंदिर का समय निर्धारित है , जैसे की माता का भोग किस समय ( time ) लगाया जाता है, माता माता सांचौली देवी की आरती की समय पर की जाती है, मंदिर खुलने का समय ( Opening Time ) एवं मंदिर बंद होने का समय ( CLOSING TIME ) आदि आप नीचे जान सकते है विस्तार से ताकि आप माता सांचौली देवी ( चंद्रावलि देवी ) के दर्शन करने आते है तो आपको यहां किसी भी प्रकारी की परेशानी का सामना न करना पड़े।
माता सांचौली देवी ( चंद्रावलि देवी ) के इस मंदिर में किसी भी प्रकार का कोई शुल्क या फीस नहीं ली जाता है। माँ सांचौली देवी के आपको बड़े ही आसानी से दर्शन प्राप्त होते है।
उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा ज़िले में स्थित माता सांचौली देवी मंदिर पहुंचने के लिए यात्रा गाइड
माता सांचौली देवी मंदिर के लिए सबसे अधिक सेवा देने वाला रेलवे स्टेशन कोसीकलाँ ( Kosi Kalan ) है जो मंदिर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। छाता, मथुरा जंक्शन, होडल मंदिर के पास के कुछ रेलवे स्टेशन हैं।
माता सांचौली देवी मंदिर आसपास के शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है और रेल और सड़क परिवहन के माध्यम से मंदिर तक पहुंचना बहुत आसान है। मथुरा ज़िले में कोई हवाई अड्डा नहीं है, माता सांचौली देवी मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा आगरा एवं दिल्ली हवाई अड्डा है जो मंदिर से लगभग 120 140 KM किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
आसपास के कुछ प्रसिद्ध स्थलों से माता सांचौली देवी मंदिर तक पहुँचने के सर्वोत्तम तरीके नीचे दिए गए हैं-
आगरा शहर से माता सांचौली देवी मंदिर कैसे पहुंचे-
आगरा से माता सांचौली देवी मंदिर तक पहुंचना बहुत आसान है क्योंकि यह रेल और सड़क परिवहन के माध्यम से आगरा से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यदि आप ट्रेन के माध्यम से आगरा से माता सांचौली देवी मंदिर जाना चाहते हैं तो आगरा जंक्शन और कोसीकलाँ ( Kosi Kalan ) के बीच लगभग 12 दैनिक ट्रेनें चलती हैं। और कोसीकलाँ ( Kosi Kalan ) से माता सांचौली देवी मंदिर के लिए एक ऑटो या एक टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
आगरा शहर से बस या निजी टैक्सी या निजी कार से भी माता सांचौली देवी मंदिर जा सकते हैं। आगरा और सांचौली गांव के बीच सड़क की दूरी लगभग 120 KM किलोमीटर है। यदि आप अपनी निजी कार में यात्रा कर रहे हैं तो मैं आपको NH 02 लेने का सुझाव देना चाहूंगा क्योंकि यह आगरा शहर से माता सांचौली देवी मंदिर गांव का सबसे अच्छा मार्ग है। आगरा शहर से माता सांचौली देवी मंदिर गांव के बीच कई निजी और सरकारी बसें भी चल रही हैं।
आगरा शहर से माता सांचौली देवी मंदिर के बीच सड़क मार्ग से यात्रा की दूरी – लगभग। 120 KM किलोमीटर
रेल द्वारा आगरा और कोसीकलाँ ( Kosi Kalan ) के बीच यात्रा की दूरी – लगभग। 110 KM किलोमीटर
कोसीकलाँ (Kosi Kalan) रेलवे स्टेशन से माता सांचौली देवी मंदिर कैसे पहुंचे –
कोसीकलाँ ( Kosi Kalan ) रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा ज़िले की छाता तहसील में प्रसिद्ध सांचौली गाँव के पास स्थित एक छोटा सा शहर है। कोसीकलाँ ( Kosi Kalan ) सबसे अधिक सेवारत और माता सांचौली देवी मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशनों में से एक है।
रेलवे स्टेशन के निकास द्वार से माता सांचौली देवी मंदिर तक आसानी से ई-रिक्शा और सार्वजनिक ऑटो मिल सकते हैं। यदि आप एक आरामदायक सवारी चाहते हैं तो आप निजी टैक्सी और कैब भी बुक कर सकते हैं जो कोसीकलाँ ( Kosi Kalan ) रेलवे स्टेशन पर भी उपलब्ध हैं।
दिल्ली से उत्तर प्रदेश में माता सांचौली देवी मंदिर कैसे पहुंचे –
नई दिल्ली से उत्तर प्रदेश में माता सांचौली देवी मंदिर पहुंचना बहुत आसान है। अगर आप कार से जाने की योजना बना रहे हैं तो नई दिल्ली से माता सांचौली देवी मंदिर पहुंचने में लगभग 2 से 3 घंटे लग सकते हैं। दिल्ली से माता सांचौली देवी मंदिर उत्तर प्रदेश के लिए सबसे अच्छा मार्ग NH 2 के माध्यम से जाना है।
वैकल्पिक रूप से, कोई ट्रेन से भी जा सकता है क्योंकि कोसीकलाँ ( Kosi Kalan ) रेलवे स्टेशन और दिल्ली के बीच 10 दैनिक ट्रेनें चलती हैं।
माता सांचौली देवी मंदिर और दिल्ली के बीच यात्रा की दूरी – लगभग। 100 किलोमीटर
कुछ लोकप्रिय स्थलों से उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा ज़िले में स्थित माता सांचौली देवी मंदिर की यात्रा दूरी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी निम्नलिखित है-
जैसे की मेने आपको पहले भी बताया है की यहाँ देश के सभी राज्यों से श्रद्धालु आते हे तो आप मेरे द्वारा दी गई जानकारी की सहायता से भी जा सकते है। यहां जाने के लिए पास में रेलवे स्टेशन कोसीकलाँ ( Kosi Kalan ) से माता सांचौली देवी मंदिर 16 K M है। जैसे की आप दिल्ली से आते है तो आप कोसीकलाँ, से नंदगाव और यहां से सांचौली आप आसानी से जा सकते हो। आप यहां कैसे भी आ सकते है आगरा, मथुरा होते हुए भी आ सकते हे, गोवर्धन, भरतपुर ,डीग से भी आ सकते हे सभी रस्ते उचित है।
दिल्ली से माता सांचौली देवी मंदिर 140 KM
आगरा से माता सांचौली देवी मंदिर 120 KM
जयपुर से माता सांचौली देवी मंदिर 220 KM
मथुरा से माता सांचौली देवी मंदिर 58 KM
गोवर्धन से माता सांचौली देवी मंदिर 30 KM
भरतपुर से माता सांचौली देवी मंदिर 100 KM
Note :- यहां से नंदगाव, बरसाना और गोवर्धन की परिक्रमा के बारे में जाने की यहां पास में ही है –
सांचौली माता चंद्रावलि देवी दर्शन समय
माता माता चंद्रावलि के दर्शन आप का उचित समय आरती का समय है।
आरती का समय (ARTI TIMINGS) प्रति दिन सोमवार से रविवार तक (Monday To Sunday)
सुबह: | 5 बजे से 6 बजे तक |
शाम : | 6 बजे से 7 बजे तक |
माता चंद्रावलि भोग लगाने का समय
रोजाना ( प्रति दिन ) | सुबह 11 बजे से 11:15 बजे तक |
मंदिर खुलने का समापन समय
गर्मियों में मंदिर खुलने समय: | सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक |
शीतकालीन (सर्दिओं ) में मंदिर खुलने समय: | सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक |