ब्रज कई जंगलों और कुंडों का घर है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे ऐसे स्थान हैं जहां भगवान कृष्ण ने अपने बचपन में कुख्यात लीलाएं की थीं। कई कुंडों में से एक अशेश्वर कुंड है जो दिव्य आकर्षण का प्रमुख स्थान है।

- आशेश्वर महादेव नंदगाव अनंत देवत्व
- नंदगाव के आशेश्वर महादेव की पूरी कहानी मेरे द्वारा
- आशेश्वर महादेव नंदगाव की तस्वीरें
- यही वो स्थान जिसे हम आज आशेश्वर महादेव के नाम से जानते हे।
- और इस प्रकार भोले नाथ कन्हेयां के दर्शन हो गए
- आशेश्वर महादेव मंदिर नंदगाव जाने का समय :-
- छुट्टियों का अनुभव
- आशेश्वर महादेव नंदगाव आने का रास्ता
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आशेश्वर महादेव नंदगाव अनंत देवत्व
नंदगाँव भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जो भगवान कृष्ण के प्रेमी हैं, कहा जाता है कि वह स्थान था जिसने भगवान कृष्ण को कंस के अत्याचारों से बचाया था। इस दिव्य नगर में नंदभवन मंदिर के पास नंद बाग के पूर्व में एक छोटी सी झील अशेश्वर कुंड है। झील में पन्ना हरा पानी दुनिया भर के तीर्थयात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देता है। इस पवित्र झील के किनारे दिव्य अशेश्वर महादेव मंदिर है।
नंदगाव के आशेश्वर महादेव की पूरी कहानी मेरे द्वारा
तो आईये में आपको आज नंदगाव के आशेश्वर महादेव के वारे में एक कहानी के माध्यम के बताने जा रहा हूँ कृप्या इस पोस्ट को पूरा पढ़ें आशा करता हूँ इस पोस्ट को पढ़ने बाद आपको आशेश्वर महादेव के दर्शनों का जैसा अनुभव प्राप्त होगा।
कहानी इस प्रकार हे जब कन्हैया गोकुल से नंदगाव आते हे तो कन्हेयां के बालस्वरूप के दर्शनों की इच्छा होती हे , तभी भगवान् भोले नाथ नंदगाव आते हे और लल्ला के दर्शन पाने के लिए नन्द बाबा के महल में जाते हे। तभी माँ यशोदा को दिखाई देते बाबा का रूप देख मईया ने बाबा को बोला बाबा आपको क्या चाहिए कृपया लें और यहां से जाये क्योंकि मेरा लल्ला अभी सोया हे बड़ी मुश्किल से। बाबा भोले नाथ बोले मईया मुझे एक बार तेरे लल्ला के दर्शन करादे , मईया तुरंत बोली और कहा में तोय ना कराऊँ अपने लल्ला के दर्शन ये ब्रज भाषा म लिखा गया हे , माँ यसोदा भोले नाथ बोलती हे की में अपने कन्यैया के दर्शन नहीं करने दूंगी क्यूंकि वो अभी बालक हे वो आपको देखके डर जायेगा , इतना सुनते भोले नाथ बोले मईया में बहुत दूर आया हूँ कन्हैया के दर्शन कूं कृपया करें माता ,मईया बोली में अपने लल्ला के दर्शन नहीं करा सकती हूँ आप यहां जाईये, लेकिन बाबा कहां मानने वाले उन्होंने भी ज़िद न छोड़ी और बोले मईया में कन्हैया के दर्शन करे बगैर नहीं जाऊंगा ,और यह सुनकर माँ यशोदा उन्हें महल से बहार निकाल देती हे ,भोले नाथ महल से तो चले जाते हे लेकिन नंदगाव नहीं जाते ,भोले महल से निकल कर नंदगाव के वन म एक तालाब के पास जाकर अपने धुना लगाकर अपने धियान में बैठ जाते हे .
आशेश्वर महादेव नंदगाव की तस्वीरें



यही वो स्थान जिसे हम आज आशेश्वर महादेव के नाम से जानते हे।
जैसे ही कन्हैया पता लगता हे भोले नाथ निरास होकर चले गए हे तभी कन्हैया जोर जोर से रोने लगते और इतना रोते हे मईया से क्या किसी से भी चुप नहीं होते हे, काफी टाइम होने बाद जव लल्ला चुप नहीं होता तभी एक गोपी बोलती हे मईया कहीं सुबहे जो बाबा आए थे कहीं उनकी नजर तो ना लगगई हमारे लल्ला कूं, यशोदा के मन में विचार आया और बाबा की खोज में निकाल गयी , काफी देर खोजने के बाद पता चलता हे ,बाबा तो वन में कुंड के पास अपना स्थान लगा के बैठे हे।
तभी मईया वहां पहुंचती हे ,,और बाबा को बोली अपनी ब्रज भाषा में बाबा या धुना छोड़ और चल में तोकूँ अपने लल्ला के दर्शन करवाऊं ,मतलब चलो बाबा में आपको अपने लल्ला के दर्शन कराती हूँ , भोले बाबा बड़े ख़ुश हुए और मईया के साथ चल दिया लेकिन कन्हैया चुप होने का नाम ही न ले रहे थे , जैसे बाबा को महल में अंदर आते देख लल्ला बिलकुल चुप हो गए , ये सब देख मईया बड़ी खुश होती हे।
और इस प्रकार भोले नाथ कन्हेयां के दर्शन हो गए
तभी से मईया यशोदा का मानना हे अगर वन और कुंड ना होता तो उनका लल्ला सायद कभी चुप ही ना होता ,क्यूंकि बाबा पता नहीं कहां निकल जाते और उनका छोटा कन्हैया चुप ना होता ,
इसी प्रकार वहां का कुंड आज भी साफ और सुथरा है.
ऐसा माना जाता जो एक बार नंदगाव के आशेश्वर महादेव के दर्शन कर लेता है उनको भोले नाथ स्वंम आशीर्वाद देते है उनका स्नेह सदा बना रहता हे इसी लिए उन्हें आशेश्वर महादेव के नाम से जाना गया।
आशेश्वर महादेव मंदिर नंदगाव जाने का समय :-
ग्रीष्म ऋतु:
सुबह: 05.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे दोपहर: 02.00 बजे से 09.00 बजे तक
सर्दी:
सुबह: 05.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे दोपहर: 02.00 बजे से 08.30 बजे तक
छुट्टियों को यादगार बनायें
नंदगाँव-बरसाना की यात्रा करना परम सर्वशक्तिमान भगवान कृष्ण के बचपन को फिर से देखने जैसा है। बृजवाले इस पवित्र भूमि की यात्रा के दौरान आपकी भावनाओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं और इसलिए आपका लक्ष्य ब्रज में आपके हर पल को आनंदमय बनाना है। हम आपको यहां मनाए जाने वाले कई अनुष्ठानों और उत्सवों के अनुसार छुट्टियों की योजना बनाने में मदद करते हैं ताकि आप अपनी छुट्टियों का पूरा आनंद उठा सकें। आपके सूचना के स्रोत के रूप में हमारे साथ, आपको निश्चित रूप से एक छुट्टी का अनुभव होगा जो जीवन के लिए संजोया जाएगा। आप आशेश्वर महादेव के दर्शन के लिए आने का रास्ता जानना चाहते हे, आप हमारे द्वारा जान सकते हमारे पेज पर जाएँ और जाने आने का रास्ता
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